डिजिटल मार्केटिंग क्या है? (What is Digital Marketing in Hindi) – पूरी जानकारी
दोस्तों आपने यूट्यूब फेसबुक इंस्टाग्राम या किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर या फिर कहीं से भी डिजिटल मार्केटिंग के बारे में जरूर सुना होगा “डिजिटल मार्केटिंग क्या है” तो इस पोस्ट में आप डिजिटल मार्केटिंग क्या होती है? डिजिटल मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है ? डिजिटल मार्केटिंग क्यों जरूरी है? यह सब कुछ सीखने वाले हैं ।
डिजिटल मार्केटिंग क्या है (What is Digital Marketing in Hindi)
आज के टाइम में हर कोई इंसान चाहे वो पढ़ा लिखा है चाहे वो अनपढ़ है चाहे वो मजदूरी करता हो सब्जी बेचता हो या रिक्शा चलाता हो। हर कोई स्मार्टफोन का यूज़ कर रहा है YouTube फेसबुक इंस्टाग्राम ट्विटर स्नैपचैट और भी बहुत सारी सोशल मीडिया ऐप्स और वीडियो ऐप्स का यूज़ कर रहे हैं। हम सुबह उठते हैं तो स्मार्टफोन में नोटिफिकेशन चेक करते है वॉट्सऐप फेसबुक चेक करते है रात में सोते टाइम भी ये सब चेक करते है। यानी हर समय हम इंटरनेट पर मौजूद रहते हैं इसी वजह से डिजिटल मार्केटिंग का क्रेज इतना ज्यादा बढ़ गया है लेकिन सवाल ये है कि डिजिटल मार्केटिंग क्या है ?
डिजिटल मार्केटिंग का मतलब है इंटरनेट का इस्तेमाल करके किसी प्रॉडक्ट की एडवरटाइजिंग करना ताकि वो प्रॉडक्ट या सर्विसेज बिक सके। पहले के समय में लोग अपने प्रॉडक्ट की एडवर्टाइजमेंट के लिए पोस्टर बैनर टीवी रेडियो अखबार का इस्तेमाल करते थे। लेकिन अब ज़माना बदल चुका है इंडिया में आज छोटे बच्चों से लेकर बड़े बूढ़ों तक सभी के पास स्मार्टफोन मौजूद हैं। सभी लोग इंटरनेट पर ज्यादा से ज्यादा टाइम बिताते हैं केबल टीवी भी लोग बहुत ही कम देखते हैं।
अब जहाँ पर ज़्यादा लोग अपना टाइम बिताएंगे वहीं पर कंपनी अपनी एडवर्टाइजमेंट दिखाएगी और वो जगह है इंटरनेट। अब इंडिया में जितनी भी कंपनीज है सभी डिजिटल मार्केटिंग का सहारा ले रही है क्योंकि ये सस्ता भी है और अच्छा भी है।
मान के चलिए आपकी कोई खिलौनों की दुकान है आप अपने खिलौनों को सिर्फ अपने शहर के लोगों को नहीं बल्कि पूरे भारत में बेचना चाहते हैं। ऐसा करने के लिए आप एक वेबसाइट बना सकते हैं और उस पर अपने प्रॉडक्ट की फोटोज स्पेसिफिकेशन प्राइसिंग डालकर उसकी एडवर्टाइजमेंट कर सकते हैं। एडवर्टाइजमेंट के लिए आप सोशल मीडिया यूट्यूब गूगल एड्स और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके खिलौने की सेल बढ़ जाएगी बाकी Ads को आप चाहें तो किसी खास शहर या लोकेशन पर भी चला सकते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग क्या है ये तो आप समझ गए होंगे हैं डिजिटल मार्केटिंग का इंडिया मैं इतना ज्यादा क्रेज कब से शुरू हुआ।
डिजिटल मार्केटिंग क्रेज इन इंडिया
एक ज़माना था जब इंटरनेट इतना महंगा था कि लोग महीने में एक दो जीबी डेटा ही यूज़ करते थे वो भी सिर्फ जरूरी काम के लिए। यूट्यूब पर वीडियो देखना ऑनलाइन गेम्स खेलना फेसबुक और इंस्टाग्राम या दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का यूज़ तो बहुत ही कम लोग करते थे। क्योंकि इंटरनेट इतना महंगा था कि लोग कॉलिंग के लिए रिचार्ज कर ले वही बहुत था इंटरनेट की बात तो दूर की है। 2016 से पहले इंडिया में ज्यादातर लोगों के पास कीपैड वाला फ़ोन था जिसे हम सिर्फ कॉलिंग के लिए यूज़ करते थे। इंटरनेट का ज्यादातर यूज़ वही लोग कर पाते थे जो किसी ऑफिस में जॉब करते थे या जिन लोगों के पास ज्यादा पैसे थे।
2016 में एंट्री हुई एक ऐसे टेलीकॉम ऑपरेटर की जिसने पूरे इंडिया की टेलीकॉम इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया। जिसकी वजह से बहुत सारी टेलीकॉम कंपनीज़ डूब गई। मैं बात कर रहा हूँ रिलायंस जियो की जिसने 5 सितंबर 2016 में अपनी 4G सर्विसेज को लॉन्च किया। रिलायंस जियो ने स्टार्टिंग के छह महीने तक अपने सभी कस्टमर को फ्री में अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग और इंटरनेट की सुविधा दी। जिसकी वजह से इंडिया में लगभग हर इंसान के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट पहुँच गया यही से डिजिटल मार्केटिंग ने इंडिया में अपनी स्पीड पकड़ी |
डिजिटल मार्केटिंग क्यों जरूरी है ?
आजकल ज्यादातर लोग इंटरनेट पर हमेशा मौजूद रहते हैं यही कारण है कि सभी कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए या मार्केट में अपने ब्राण्ड की पहचान बनाने के लिए डिजिटल मार्केटिंग का इस्तेमाल कर रही है। डिजिटल मार्केटिंग का सबसे बड़ा फायदा यही है की ये टीवी रेडियो न्यूजपेपर बैनर इससे बहुत ही ज्यादा सस्ता पड़ता है। आप सोशल मीडिया यूट्यूब गूगल एड्स पर ₹200 – ₹400 में अपने प्रॉडक्ट की एडवरटाइजमेंट शुरू कर सकते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग में आप अपने हिसाब से अपनी एडवर्टाइजमेंट को कस्टमाइज कर सकते हैं जैसे कि किस age group, interest based, gender, location में ऐड दिखानी है इसके अलावा और भी बहुत सारे ऑप्शंस आपको मिलते हैं Ads चलाते समय।
मान के चलिए आपने Google Ads के जरिए अपने प्रॉडक्ट की एडवरटाइजमेंट की है तो Google Ads ये रिपोर्ट भी प्रोवाइड करता है की कितने लोगों ने आपकी Ads को देखा है, कितने लोगों ने Ads पर क्लिक किया है, कितने लोगों ने प्रॉडक्ट को खरीदा है, कस्टमर की लोकेशन ये सब कुछ आप रिपोर्ट में देख सकते हैं। इससे आपको ये समझने में मदद मिलती है कि आपने जो Ads चलाया है वो सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं। अगर किसी Ad से आपको कोई फायदा नहीं हो रहा है तो आप उस Ad में बदलाव कर सकते हैं।
मैं अपना एक्सपीरियंस शेयर करूँ तो Google Ads चलाने से सेल्स जरूर बढ़ती है लेकिन ये डिपेंड करता है आपके प्रॉडक्ट की वैल्यू क्वालिटी और प्राइसिंग पर। अगर आपके प्रॉडक्ट में दम है और आपका प्रॉडक्ट ऐड सही कस्टमर तक पहुँच गया है तो वो कस्टमर उस प्रॉडक्ट को जरूर खरीदेगा।
डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार (Types of Digital Marketing)
दोस्तों डिजिटल मार्केटिंग क्या है और डिजिटल मार्केटिंग क्यों जरूरी है ये तो आप सबको समझ में आया होगा लेकिन डिजिटल मार्केटिंग कितनी प्रकार की होती है ये समझना भी आप सभी के लिए बेहद जरूरी है। डिजिटल मार्केटिंग कई प्रकार की होती है आइये जानते है इसके कुछ मुख्य प्रकारों के बारे में |
1. SEO (Search Engine Optimization)– SEO का मतलब होता है अपनी वेबसाइट को इस तरह से ऑप्टिमाइज़ करना ताकि गूगल या बिंग जैसे सर्च इंजन में सबसे टॉप पर हमारी वेबसाइट दिखाएं। मान के चलिए दिल्ली में आप एक बेकरी के मालिक हैं और आपका केक बहुत ही टेस्टी है लेकिन ये बात सिर्फ आपके एरिया में रहने वाले लोगों को पता है।
लेकिन अगर आप एक वेबसाइट बनाकर उस पर अपने केक की इमेज स्पेसिफिकेशन कीमत ऐड करके अपने पोस्ट को अच्छे तरीके से लिख कर उसका अच्छे से SEO करते हैं। इसके बाद अगर कोई इंसान गूगल पर सर्च करता है “Best Cake in Delhi” और आपकी वेबसाइट गूगल के पहले पेज पर आ गई तो आपके केक भी ज्यादा से ज्यादा सेल होंगे। गूगल सर्च में अपनी वेबसाइट को पहले पेज पर लाने के लिए आपकी पोस्ट का SEO अच्छा होना चाहिए।
2. Paid Avertising (PPC) – इस तरह की मार्केटिंग में हम अपने प्रॉडक्ट की ऐड गूगल यूट्यूब फेसबुक इंस्टाग्राम ट्विटर जैसी वेबसाइट पर दिखाते हैं । जब कोई कस्टमर या Viewer हमारी Ad पर क्लिक करता है तो हमे पैसे देने पड़ते हैं |
मान के चलिए मैंने यूट्यूब पर अपनी किसी वीडियो की ऐड चलाई है। अब मेरी वीडियो की ऐड पर कोई कस्टमर क्लिक करेगा तो मुझे गूगल को ऐड की फीस pay करनी पड़ेगी। इसमें आप अपने हिसाब से बजट को सेट कर सकते हैं और आप यह भी सेट कर सकते हैं कि अगर कोई Viewer आपकी ऐड पर क्लिक करें तो आपको मैक्सिमम कितने पैसे Pay करने पड़े। आप चाहे तो 50 पैसा ₹1 ₹10 या कोई भी अमाउंट सेट कर सकते हैं। ये आपकी लोकेशन और एडवर्टाइजमेंट टाइप पर भी निरभर करता है। इस तरह की Ads को हम Pay-per-click यानी PPC कहते हैं।
उदाहरण : मान के चलिये आपने एमएस एक्सेल का एक कोर्स लॉन्च किया है और आप चाहते हैं जितना भी स्टूडेंट या वर्किंग प्रोफेशनल हैं जो एक्सेल कोर्स करना चाहते हैं उनको मेरा Ads यूट्यूब पर दिखाई दे। तो जब भी कोई Viewer Youtube पर एक्सेल कोर्स सर्च करेगा तो उसको आपके कोर्स का वीडियो सबसे टॉप पर दिखाई देगा जिससे आपके एक्सेल कोर्स के सेल होने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
3. सोशल मीडिया मार्केटिंग – इसमें कंपनियां अपने प्रॉडक्ट और सर्विसेज की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक इंस्टाग्राम ट्विटर लिंकडिन आदि पर पोस्ट करती है। सोशल मीडिया मार्केटिंग के जरिए अगर आप अपनी Brand की वैल्यू बनाना चाहते है या अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को सेल करना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको डेली सभी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर अपने प्रोडक्ट्स से रिलेटेड अच्छे पोस्ट करने पड़ेंगे तभी आपको इसका फायदा मिल पायेगा क्योंकि इन पर हमेशा एक्टिव रहना बेहद जरूरी है।
4. ईमेल मार्केटिंग – इसमें कंपनीज अपने प्रॉडक्ट्स या सर्विसेज को प्रमोट करने के लिए ईमेल मार्केटिंग करती है यानी कंपनी कस्टमर को रेगुलर प्रोफेशनल ईमेल भेजती है और जो कस्टमर उनके प्रॉडक्ट्स या सर्विसेज में Interested होते हैं वो डाइरेक्टली कंपनी से कॉन्टैक्ट कर सकते हैं। ईमेल मार्केटिंग भी एक अच्छा तरीका है अपने कस्टमर से डायरेक्ट कॉन्टैक्ट करने का।
5. इन्फ्लूएंसर मार्केटिंग – इसमें कम्पनीज़ ऐसे लोगों के साथ काम करती है जिनके यूट्यूब फेसबुक इंस्टाग्राम ट्विटर या हे दूसरे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर बहुत ज़्यादा फॉलोअर्स होते हैं। जिनकी वीडिओज़ और पोस्ट पर ज्यादा से ज्यादा व्यूज लाइक्स कमेंट आते हैं। इस तरह की एडवरटाइजमेंट यानी मार्केटिंग में इन्फ्लूएंसर कंपनी के प्रॉडक्ट, सर्विसेज, सॉफ्टवेयर, ऐप्स, वेबसाइट के बारे में अपने सब्सक्राइबर या फॉलोअर्स को बताते हैं और लोगों से उस प्रॉडक्ट को खरीदने या यूज़ करने के लिए कहते हैं। इस काम को करने के बदले इन्फ्लूएंसर कंपनी से अपनी फीस लेते हैं ये फीस कितनी भी हो सकती है। ये डिपेंड करता है इन्फ्लूएंसर के फॉलोअर्स और रेगुलर views पर।
डिजिटल मार्केटिंग घर से कैसे सीखें (How to Learn Digital Marketing from Home)
दोस्तों डिजिटल मार्केटिंग को सीखने के लिए आपको किसी इंस्टीट्यूट को ज्वॉइन करने की जरूरत नहीं है क्योंकि डिजिटल मार्केटिंग आप घर बैठे भी सीख सकते हैं।
Online Course – आजकल इंटरनेट पर बहुत सारे फ्री और Paid कोर्स मौजूद हैं जिनकी मदद से आप डिजिटल मार्केटिंग को आसानी से सीख सकते हैं। बहुत सारी वेबसाइट्स जैसे कि Udemy, Coursera, Google Digital Garage, Hubspot Academy पर आपको बहुत से Free और Paid Courses मिल जाएंगे जिनकी मदद से आप डिजिटल मार्केटिंग को आसानी से सीख सकते हैं।
YouTube – यूट्यूब सबसे अच्छा सोर्स है फ्री में डिजिटल मार्केटिंग सीखने के लिए। यूट्यूब पर आप एक बार सर्च करके देखिए “Digital Marketing Full Course in Hindi” आपको हजारों विडियोज मिल जाएंगे जिनको देखकर आप डिजिटल मार्केटिंग सीख सकते हैं।
Blogs और Article – इंटरनेट पर ऐसी कोई चीज़ नहीं है जो आपको न मिले डिजिटल मार्केटिंग के बारे में अगर आप बेसिक्स को सीखना चाहते हैं तो आप ब्लॉग्स और आर्टिकल को पढकर भी अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग क्या होती है, डिजिटल मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है, डिजिटल मार्केटिंग को कैसे सीखें ये सब कुछ तो आपने इस ब्लॉग में जान लिया लेकिन जब तक आप इसे प्रैक्टिकली करके नहीं देखेंगे तब तक आपको डिजिटल मार्केटिंग के फायदे समझ में नहीं आएँगे।
डिजिटल मार्केटिंग से पैसा कैसे कमाएं ? (How to Earn Money from Digital Marketing)
1. फ्रीलांसिंग – अगर आपने अच्छे से प्रैक्टिकली डिजिटल मार्केटिंग को सीख लिया है और आप इसके एक्सपर्ट बन गए हैं तो आप फ्रीलांसिंग कर सकते हैं। आप अपनी services को फ्रीलांसिंग वेबसाइट जैसे कि Freelancer,Upwork, Fiverr जैसी वेबसाइट पर लिस्ट कर सकते हैं और इन वेबसाइट की मदद से आपको क्लाइंट्स मिलना शुरू हो जाएंगे।
2. अपनी एजेंसी शुरू करें – डिजिटल मार्केटिंग की अच्छी खासी नॉलेज और स्किल्स होने के बाद आप अपनी खुद की एजेंसी शुरू कर सकते हैं। इसके बाद आप छोटे और बड़े बिज़नेस को अप्रोच करके उनके बिज़नेस को बढ़ाने में उनकी मदद कर सकते हैं। जिसके बदले आप अच्छी खासी रकम बिज़नेस से ले सकते हैं। जो भी बिज़नेस आपकी वजह से Grow करेंगे वो हमेशा के लिए आपके क्लाइंट बन सकते हैं, इससे आपकी रेगुलर इनकम भी जनरेट होती रहेगी।
3. ई-कॉमर्स स्टोर – आप चाहें तो अपना खुद का ई-कॉमर्स स्टोर शुरू कर सकते हैं और अपने डिजिटल मार्केटिंग Skills का यूज़ करके अपने प्रॉडक्ट को ऑनलाइन बेच सकते हैं।
निष्कर्ष – डिजिटल मार्केटिंग क्या है (What is Digital Marketing in Hindi)
हमने इस पोस्ट में “डिजिटल मार्केटिंग क्या है” (What is Digital Marketing in Hindi) से लेकर इसके सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को बारीकी से समझा। अगर आप इस फील्ड में करियर बनाने का सोच रहे हैं, तो यह एक बेहतरीन मौका है। आशा है कि इस पोस्ट से आपको डिजिटल मार्केटिंग के बारे में पूरी जानकारी मिली होगी। अब आप जान गए होंगे कि “डिजिटल मार्केटिंग क्या है” (Digital Marketing Kya hota hai) , और कैसे आप इसे घर बैठे सीखकर अपने करियर को एक नई दिशा दे सकते हैं।
अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम आपके सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे और हमारे ब्लॉग OfficeBlog को अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करें और My Live Support पर विजिट करें |
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