Microsoft Windows Defender Software Free : (संपूर्ण जानकारी)

Microsoft Windows Defender Software FREE Antivirus

 

Microsoft Windows Defender Software Free : (संपूर्ण जानकारी)

दोस्तों आज के इस पोस्ट में आप जानेगे माइक्रोसॉफ्ट विंडोज डिफेंडर के बारे में। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज डिफेंडर क्या है, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज डिफेंडर के क्या फीचर है, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज डिफेंडर एंटीवायरस और थर्ड पार्टी एंटीवायरस में क्या अंतर है, विंडोज डिफेंडर को कैसे ऐक्टिवेट करें, ये सब कुछ आप आज के इस पोस्ट में जानेंगें तो सबसे पहले हम ये जान लेते हैं की Microsoft Windows Defender क्या है?

 

Microsoft Windows Defender क्या है?

दोस्तों जब आप एक विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे कि लैपटॉप या डेस्कटॉप खरीदते हैं तो जो आपका विंडोज वर्जन होते हैं चाहे वो 7,8,10 हो या फिर 11 सभी के साथ में आपके विंडोज डिफेंडर सॉफ्टवेयर Built-In आता है यानी इस सॉफ्टवेयर को आपको अलग से डाउनलोड करने की जरूरत नहीं पड़ती । सबसे अच्छी बात ये है कि आपको विंडोज डिफेंडर के लिए अलग से पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि ये विंडोज के साथ ही आता है ।

विंडोज डिफेंडर की मदद से आप अपने लैपटॉप कंप्यूटर को सभी प्रकार के Virus, Malware या किसी भी तरह के हानिकारक सॉफ्टवेयर से बचा सकते हैं । विंडोज डिफेंडर एक तरह से हमारे कंप्यूटर को सुरक्षा कवच प्रदान करता है जिसकी वजह से कोई भी Virus, Malware या अन्य तरह का हानिकारक सॉफ़्टवेयर हमारे सिस्टम में प्रवेश नहीं कर सकता ।

दोस्तों विंडोज डिफेंडर सभी तरह की फाइल टाइप जैसे कि Documents, Images, Videos, Executables फाइल को स्कैन कर सकता है। विंडोज डिफेंडर हमारे सिस्टम को सभी तरह के Threat से बचाता है।

 

Windows Defender Software के फीचर्स

उम्मीद है आप सभी को समझ में आया होगा कि माइक्रोसॉफ्ट विंडोज डिफेंडर क्या है ? अभी हम जान लेते हैं विंडोज डिफेंडर सॉफ्टवेयर के फीचर्स के बारे में कि ये किस तरह हमारे काम आता है :

रियल–टाइम प्रोटेक्शन: विंडोज डिफेंडर हर वक्त हमारे सिस्टम को स्कैन करता रहता है अगर हम इंटरनेट से किसी भी तरह की फाइल को डाउनलोड करते है या फिर अपने कंप्यूटर से किसी भी तरह की USB or Pendrive, Memory Card को अटैच करते हैं तो विंडोज डिफेंडर तुरंत ये चेक करता है कि जो फाइल डाउनलोड की गई है या जो भी स्टोरेज डिवाइस आपने कंप्यूटर से अटैच किया है उसमें किसी भी तरह का वायरस तो नहीं है । अगर विंडोज डिफेंडर को वायरस मिलता है तो उस Virus को रिमूव कर देता है या फिर आपको तुरंत बताता है कि आपके फाइल या डिवाइस में वायरस मौजूद हैं।

ऑटोमेटिक अपडेट्स: विंडोज डिफेंडर ऑटोमैटिक अपडेट होता रहता है ताकि जो नए नए वायरस होते हैं उनसे लड़ सकें और आपके कंप्यूटर की रक्षा कर सकें। विंडोज डिफेंडर को अपडेट करने के लिए आपको कुछ भी करने की जरूरत नहीं पड़ती ।

पैरेंटल कंट्रोल्स: दोस्तों अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं और आप उनके इंटरनेट के इस्तेमाल को लिमिट में रखना चाहते हैं या फिर आप कुछ वेबसाइट को ब्लॉक करना चाहते हैं तो विंडोज डिफेंडर में आपको एक पैरेंटल कंट्रोल फीचर मिलता है जिसकी मदद से आप बहुत सारी वेबसाइट्स को ब्लॉक कर सकते हैं या फिर कंप्यूटर के यूज़ को लिमिट कर सकते हैं ।

कंट्रोल्ड फोल्डर एक्सेस:  विंडोज डिफेंडर में आपको एक कंट्रोल्ड फ़ोल्डर एक्सेस का फीचर मिलता है इस फीचर की मदद से आप अपनी इम्पोर्टेन्ट फाइल और फ़ोल्डर को रैनसमवेयर जैसे अटैक से बचा सकते हैं। मतलब ये सिर्फ ट्रस्टेड ऐप्स या सॉफ्टवेयर को ही आपकी फाइल को चेंज करने देता है।

 

Microsoft Defender Antivirus और थर्ड–पार्टी एंटीवायरस में अंतर

दोस्तों और आपको समझ में आ गया होगा कि माइक्रोसॉफ्ट विंडोज डिफेंडर क्या है विंडोज डिफेंडर सॉफ्टवेयर के फीचर्स क्या है अभी हम जान लेते हैं Microsoft Defender Antivirus और थर्ड पार्टी एंटीवायरस में क्या अंतर है ?

फ्री और बिल्ट–इन:  विंडोज डिफेंडर एक फ्री सॉफ्टवेयर है जो आपके विंडोज के साथ में ही आता है इसे आपको अलग से डाउनलोड करने की जरूरत नहीं पड़ती ना ही किसी भी तरह का आपको पैसा खर्च करने की जरूरत पड़ती है वहीं थर्ड पार्टी एंटीवायरस की बात करें तो ये लोग पैसा मांगते है और इनको अलग से इंस्टाल भी करना पड़ता है।

सिस्टम परफॉरमेंस: दोस्तों बहुत सारे जो थर्ड पार्टी एंटीवाइरस सॉफ्टवेयर होते हैं वो हमारे कंप्यूटर को स्लो कर देते हैं ऐसा इसी वजह से होता है क्योंकि इन सभी सॉफ्टवेयर के साथ बहुत सारे एक्स्ट्रा फीचर्स हमारे सिस्टम में इंस्टॉल हो जाते हैं जो बैकग्राउंड में हमेशा चलते रहते है। लेकिन बात करे अगर Microsoft Defender Antivirus सॉफ्टवेयर की तो ये लाइटवेट है ओर सिस्टम के ज्यादा रिसोर्सेज को यूज़ नहीं करता इसी वजह से हमारा पीसी स्लो नहीं होता ।

एडवांस्ड फीचर्स:  बहुत सारे एंटीवायरस मैं आपको VPN, पासवर्ड मैनेजर, और डेटा श्रेडर जैसे फीचर्स मिलते हैं लेकिन विंडोज डिफेंडर मैं आपको ये सभी फीचर नहीं मिलते लेकिन अगर आप बेसिक प्रोटेक्शन चाहते हैं तो इसके लिए विंडोज डिफेंडर सॉफ्टवेयर काफी है। आपको थर्ड पार्टी एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की जरूरत नहीं है ।

यूजर इंटरफेस: Microsoft Defender Antivirus सॉफ्टवेयर का यूज़र इंटरफेस बहुत ही ज्यादा सिम्पल है और यूज़र फ्रेंडली है मतलब अगर आपको कंप्यूटर की ज्यादा नॉलेज नहीं है तो भी कोई दिक्कत नहीं है आप विंडोज डिफेंडर का आसानी से यूज़ कर सकते हैं। वहीं बात करें थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर की तो इनका UI कभी कभी बहुत ही ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड लगता है जिसके लिए टेक्निकल नॉलेज की जरूरत भी पड़ती है ।

 

Windows Defender Software को Activate कैसे करते हैं ?

दोस्तों वैसे तो आपके विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में विंडोज डिफेंडर पहले से एक्टिवेट रहता है। बाकी अगर आप कोई थर्ड पार्टी एंटीवायरस सॉफ्टवेयर अपने सिस्टम में इंस्टाल करते हैं तो विंडोज डिफेंडर सॉफ्टवेयर अपने आप डिसएबल हो जाता है बाकी अगर आपका विंडोज डिफ़ेंडर सॉफ्टवेयर किसी भी कारणवश डिसेबल है तो कैसे आप उसे इनेबल कर सकते हैं और कैसे उसका स्टेटस चेक कर सकते हैं कि Windows Defender इनेबल है या डिसएबल है।

इसका जो पूरा प्रोसेस है सभी विंडोज के वर्जन में वो अलग अलग तो मैंने नीचे आप सभी को बताया है कि आप विंडोज डिफेंडर सॉफ्टवेयर को विंडोज के 7,8,10 और 11 में कैसे एक्टिवेट करेंगे ।

 

Windows 7 में Windows Defender Software को Activate करना:

Windows 7 में, Windows Defender `को Microsoft Security Essentials के नाम से जाना जाता है । इसे एक्टिवेट करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें  :

स्टेप 1: सबसे पहले आपको स्टार्ट मेन्यू में जाना है और “Microsoft Security Essentials” टाइप करना है।

स्टेप 2: इसके बाद आपको Microsoft Security Essentials के आइकन पर क्लिक करना है।

स्टेप 3: अब, Microsoft Security Essentials के होम टैब में जाओ। अगर वहां “PC status: Protected” लिखा है, तो इसका मतलब है कि Windows Defender (Microsoft Security Essentials) पहले से ही एक्टिव है।

स्टेप 4: अगर “PC status: At risk” लिखा हो, तो आपको “Update” टैब पर जाना होगा और “Update” बटन पर क्लिक करना होगा।

स्टेप 5: इसके बाद, “Settings” टैब पर जाइये और “Real-time protection” ऑप्शन को सेलेक्ट करके “Save changes” पर क्लिक करो।

अभी आपका, Microsoft Security Essentials एक्टिवेट हो जाएगा और आपके कंप्यूटर को वायरस से प्रोटेक्ट करेगा।

 

Windows 8 में Windows Defender को Activate कैसे करते हैं ?

Windows 8 में Windows Defender पहले से ही बिल्ट-इन होता है, लेकिन इसे मैन्युअली एक्टिवेट करना की जरुरत पड़ती है। Windows 8 में Windows Defender को एक्टिवेट करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें :

स्टेप 1: सबसे पहले, स्टार्ट बटन पर क्लिक करो इसके बाद सर्च बार में “Windows Defender” टाइप करो।

स्टेप 2: जब आपको Windows Defender का आइकन दिखाई दे, तब उस पर क्लिक करो।

स्टेप 3: इसके बाद “Settings” टैब पर जाओ और “Real-time protection” ऑप्शन को चेक करिये।

स्टेप 4: इसके बाद आपको “Turn on real-time protection” को सेलेक्ट करके “Save changes” पर क्लिक करना है।

इन सभी स्टेप्स को फॉलो करके आप Windows Defender को Windows 8 में एक्टिवेट कर सकते हैं।

 

Windows 10 और Windows 11 में Windows Defender को कैसे Activate करते हैं ?

दोस्तों Windows 10 और 11 में Windows Defender को Windows Security के नाम से जाना जाता है। विंडोज के दोनों version में डिफेंडर सॉफ्टवेयर को एक्टिवेट करने का प्रोसेस same होता है । Windows 10,11 में Windows Defender को एक्टिवेट करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:

 

स्टेप 1: सबसे पहले आपको Start Menu में जाना है और सर्च बार में “Windows Security” टाइप करना है।

स्टेप 2: जब आपको Windows Security का आइकन दिखाई दे तब आपको उस आइकॉन पर क्लिक कर देना है।

स्टेप 3: इसके बाद Virus & threat protection” सेक्शन में जाओ।

स्टेप 4: “Virus & threat protection settings” पर क्लिक करो।

स्टेप 5: “Manage settings” पर क्लिक करो।

स्टेप 6: यहां “Real-time protection” ऑप्शन को ऑन करो।

इन सभी स्टेप्स को फॉलो करके आप Windows Defender को Windows 10 या Windows 11 में एक्टिवेट कर सकते हैं। इसके बाद आपका सिस्टम सभी तरह के वायरस से Protect रहेगा ।

नोट: दोस्तों अगर आपके कंप्यूटर में पहले से कोई दूसरा थर्ड पार्टी एंटीवायरस इंस्टॉल है तो विंडोज डिफेंडर अपने आप डिसएबल हो जाता है तो अगर आप विंडोज डिफेंडर का यूज़ करना चाहते हैं तो आपको अपने थर्ड पार्टी एंटीवायरस को अनइंस्टाल करना पड़ेगा तभी जाके आप माइक्रोसॉफ्ट विंडोज डिफेंडर को एक्टिवेट कर सकते हैं ।

 

निष्कर्ष

दोस्तों उम्मीद है आप सभी को समझ में आया होगा कि विंडोज डिफेंडर सॉफ्टवेयर क्या है, विंडोज डिफेंडर के क्या फीचर है, विंडोज डिफेंडर और थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर में क्या अंतर है, और विंडोज डिफेंडर को हम विंडोज के अलग अलग वर्जन में कैसे इंस्टाल कर सकते हैं। आपको हमारा ये पोस्ट कैसा लगा नीचे कमेंट करके बताएं और हमारे ब्लॉग OfficeBlog को अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करें और My Live Support पर विजिट करें |

 

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